केंद्र सरकार ने वर्ष 2024 -25 से वर्ष 2030 -31 तक के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन तिलहन ( एन एम ई ओ तिलहन-तिलहन मिशन ) को मंजूरी दी है, जिसका मुख्य लक्ष्य आगामी सात वर्षों में घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देना और खाद्य तेल में अधिक से अधिक आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
मिशन के प्रमुख बिंदुएं
- इस मिशन के तहत 10,103 करोड़ रुपए की राशि के परी व्यय का प्रस्ताव है।
- मिशन का लक्ष्य प्राथमिक तिलहन उत्पादन को 39 मिलीयन टन से बढ़ाकर 2030 -31 तक 69.7 टन करना है।
- घरेलू खाद्य तेल उत्पादन में 25.45 मिलियन टन तक की वृद्धि करना है ताकि देश की अनुमानित घरेलू आवश्यकता का लगभग 72% पूरा हो जाए।
- तिलहन की खेती में अतिरिक्त 40 लाख हेक्टेयर खेती भूमि की वृद्धि करना ।
तिलहन मिशन लक्ष्य की प्राप्ति कैसे की जाएगी ?
उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अच्छी उपज देने वाली व उच्च तेल सामग्री वाली बीजों की किस्मों को अपनाया जाएगा साथ ही चावल की परती भूमि में खेती का विस्तार एवं अंतर फसल जैसे तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।
बीज प्रमाणीकरण, पता लगाने की क्षमता और समग्र सूची ( साथी ) पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन 5 वर्षीय बीज योजना शुरू की जाएगी जिसके जरिए राज्यों को सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों और सरकारी या निजी बीज निगमों सहित बीज उत्पादक एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय बनेगी।
बीज उदड़न अवसंरचना में सुधार हेतु सरकार सार्वजानिक क्षेत्र में 65 नए बीज केंद्र व 50 बीज भंडारण केंद्र की स्थापना करेगी।
347 जिलों में 600 से अधिक मुख्य श्रृंखला कलस्टर विकसित होंगे जो सालाना 10 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को कवर करेंगे।

हमारा देश भारत खाद्य तेलों की मांग का 57% आयात करता है। इस मिशन के तहत इस निर्भरता को कम करना और खाद्य तेल के उत्पादन को बढ़ाना ही केंद्र सरकार का मुख्य लक्ष्य है।