बिहार की शिक्षा व्यवस्था में हाल के दिनों में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन और सुधार देखे गए हैं:
• शिक्षक स्थानांतरण और पोस्टिंग नीति
बिहार सरकार ने शिक्षकों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए नई नियमावली जारी की है, जिसमें पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया गया है इस नीति के तहत गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों, दिव्यांगों और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी साथ ही, शिक्षकों को प्रत्येक पांच वर्ष के सेवा काल के बाद स्थानांतरण अनिवार्य होगा।
• शिक्षा पर वित्तीय निवेश
प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज पार्टी सलाह दिया है कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शराबबंदी हटाकर उससे मिलने वाले टैक्स का उपयोग किया जा सकता है। इससे प्राप्त राजस्व को बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने का प्रस्ताव दिया गया है।
• शिक्षकों का प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को वर्ष में दो बार आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनकी शिक्षण क्षमता में सुधार होगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जनवरी-फरवरी में शुरू किया जाएगा, और इसके लिए केंद्र सरकार 32.19 करोड़ रुपये की राशि प्रदान कर रही है।
• विशेष शिक्षकों की नियुक्ति
राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में 7100 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी जिससे विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके इनमें नेत्रहीन, श्रवण बाधित और अन्य दिव्यांगता से संबंधित शिक्षक शामिल होंगे।
• इन सभी प्रयासों से बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। ।
बिहार की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में कई सुधार किए जा रहे हैं। इनमें शिक्षकों की स्थानांतरण नीति, वित्तीय अनुशासन, विशेष शिक्षकों की नियुक्ति और शिक्षकों के प्रशिक्षण जैसे महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं। इसके अलावा, शिक्षा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए विभिन्न सुझावों पर भी विचार किया जा रहा है। सरकार का ध्यान शिक्षकों की क्षमता विकास और छात्रों के लिए बेहतर शिक्षण अनुभव उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।