पोलिश यूट्यूबर कैरोलीना गोस्वामी ने हाल ही में दावा किया है कि भारतीय यूट्यूबर ध्रुव राठी के प्रशंसकों से उन्हें धमकियां मिली हैं। यह मामला उस समय सामने आया जब कैरोलीना ने ध्रुव राठी के वीडियो की फैक्ट-चेकिंग की और उसके बाद उन्हें ऑनलाइन धमकियां मिलने लगीं। यह विवाद तब और बढ़ गया जब कैरोलीना ने आरोप लगाया कि ध्रुव राठी की फॉलोइंग वाले लोग उन्हें और उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दे रहे हैं।
कैरोलीना गोस्वामी और ध्रुव राठी के बीच विवाद कैसे शुरू हुआ?
कैरोलीना गोस्वामी और ध्रुव राठी के बीच यह विवाद तब शुरू हुआ जब कैरोलीना ने राठी के एक वीडियो को लेकर दो फैक्ट-चेक वीडियो जारी किए। कैरोलीना ने ध्रुव राठी पर फेक न्यूज और गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने राठी की कई बातों को गलत साबित करते हुए उसे तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया। इस घटना के बाद, कैरोलीना ने बताया कि उन्हें ध्रुव राठी के समर्थकों से 220 से अधिक धमकियां मिलीं।
धमकियों की गंभीरता
कैरोलीना ने दावा किया है कि धमकियां केवल ऑनलाइन उत्पीड़न तक सीमित नहीं रहीं बल्कि इनमें उनके परिवार से जुड़ी व्यक्तिगत जानकारी भी शामिल थी, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गईं। कैरोलीना और उनके पति अनुराग गोस्वामी ने आरोप लगाया कि यूरोप में भी ध्रुव राठी के समर्थकों ने उन्हें निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि पेरिस और बर्लिन में उनके ऊपर हमला हुआ, उनकी कार के शीशे तोड़े गए और कुछ उपकरण चोरी किए गए।
भारतीय सरकार से अपील
इस स्थिति से परेशान होकर, कैरोलीना ने भारतीय सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने यह सवाल उठाया है कि कैसे एक ऐसे यूट्यूबर को, जो फेक कंटेंट फैला रहा है, बिना किसी कानूनी कार्रवाई के काम करने की अनुमति दी जा रही है। कैरोलीना ने जोर देकर कहा कि उनका मकसद केवल सही जानकारी प्रस्तुत करना और आलोचना के जरिए रचनात्मक बातचीत को बढ़ावा देना था, न कि किसी के प्रति दुश्मनी फैलाना।
ध्रुव राठी का जवाब और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
ध्रुव राठी ने इस मामले पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, उन्होंने अपने सोशल मीडिया चैनलों पर यह जरूर कहा कि उनके कुछ आलोचक केवल “ड्रामा” कर रहे हैं ताकि वे उनकी प्रतिक्रिया से अपनी लोकप्रियता बढ़ा सकें। दूसरी ओर, कैरोलीना का कहना है कि उनका मकसद कभी भी ध्यान आकर्षित करना नहीं था बल्कि जनता को सही जानकारी देना है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सुरक्षा के उपाय
कैरोलीना के मामले ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जबकि यूट्यूब और अन्य प्लेटफार्म्स पर उत्पीड़न की रिपोर्ट करने की व्यवस्थाएं हैं, लेकिन इन व्यवस्थाओं की प्रभावशीलता पर कई बार सवाल उठाए गए हैं। कैरोलीना के अनुभव ने यह दिखाया है कि ऑनलाइन उत्पीड़न से निपटने के लिए और मजबूत सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
आगे की कार्रवाई और समाज का समर्थन
कैरोलीना गोस्वामी ने अपने फैक्ट-चेक वीडियो में ध्रुव राठी के समर्थकों के खिलाफ कई बार आवाज उठाई है। उन्होंने भारतीय यूट्यूब समुदाय से भी अपील की है कि वे इस मामले में चुप न रहें और सच का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि यह केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा का सवाल नहीं है, बल्कि यह भारत में लोकतांत्रिक चर्चा और आलोचना के प्रति सुरक्षित वातावरण बनाने की भी जरूरत है।
इस घटना से यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आलोचना करने वाले सुरक्षित रहें और खुले वातावरण में अपनी राय व्यक्त कर सकें।
इस घटना के परिणाम आने वाले समय में यह निर्धारित कर सकते हैं कि भारत में ऑनलाइन आलोचनाओं और फैक्ट-चेकिंग के प्रति समाज का नजरिया क्या रहेगा।
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