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पश्चिम चम्पारण. पश्चिम चंपारण जिले में इन दिनों आम की एक वैरायटी की बागवानी की जा रही है, जिसका फलन सिर्फ गर्मियों में ही नहीं, बल्कि साल के बारह महीने होता है. जी हां आपने सही सुना, जिले के बेतिया निवासी अयोध्या प्रसाद ने अपने बगीचे में सदाबहार आम के करीब 10 पेड़ लगाए हैं. इन पेड़ों पर सिर्फ गर्मियों में ही नहीं, बल्कि सर्दियों के मौसम में भी फलन होता है. आश्चर्य की बात तो यह है कि आम की महक और आकार को देखकर आस पास के सभी लोग आश्चर्यचकित हो रहे हैं.
पिछले दो दशकों से कार्यरत कृषि विशेषज्ञ रविकांत पांडे बताते हैं कि जहां देश के अधिकांश भागों में आम के साधारण प्रजातियों की बागवानी की जाती है. वहीं, बिहार के कुछ जिलों सहित राजस्थान जैसे राज्यों में आम की एक खास वैरायटी, जिसका फलन साल में तीन बार होता है. रविकांत के अनुसार पश्चिम चंपारण जिले में भी इसी खास वैरायटी की बागवानी की जा रही है. जिले के बेतिया निवासी अयोध्या प्रसाद ने सदाबहार आम की जिस वैरायटी को लगाया है, उसे ‘सदाबहार कुसुम’ के नाम से जाना जाता है. इस पेड़ पर नवंबर के महीने में भी आम का फलन बेहद खूबसूरती से हुआ है.
ऑफ सीजन में 200 रुपए प्रति किलो का भाव
कृषक अयोध्या बताते हैं कि उन्होंने इस पेड़ को करीब दो साल पहले लगाया था. फिलहाल पेड़ पर आम का फलन चालू है. जहां सामान्य पेड़ पर 1 साल में एक बार ही सीजन में आम आता है. वहीं, सदाबहार कुसुम प्रजाति के इस आम के पेड़ पर ऑफ सीजन में भी फलन होता है. विशेषज्ञों की मानें तो, ऑफ सीजन में बाजार में आम का भाव 200 रुपए किलो तक बड़ी आसानी से मिल जाता है. ऐसे में इसकी बागवानी किसानों के लिए बेहद खास हो सकती है.
एक एकड़ में लगाए जा सकते हैं 252 पौधे
रविकांत बताते हैं कि परंपरागत तरीके से बागवानी करने पर एक एकड़ में करीब 63 आम के पेड़ लगाए जा सकते हैं. लेकिन यदि इजरायली तरीके से इसकी बागवानी की जाए तो, एक एकड़ में ही करीब 252 आम के पेड़ लगाए जा सकते हैं. चुकी इजरायली पद्धति से बागवानी में पौधे से पौधे का डिस्टेंस बेहद कम रहता है, इसलिए इस पद्धति से बागवानी में पेड़ों की संख्या अधिक हो जाती है.
Tags: Agriculture, Bihar News, Local18
FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 14:22 IST
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