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प्रशांत किशोर की हालत गंभीर: BPSC अभ्यर्थियों की मांगों पर गरमाई बिहार की राजनीति

प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर की हालत चिंताजनक, BPSC अभ्यर्थियों की मांगों पर मुख्य सचिव से मिले मनोज भारती

लोकसभा चुनाव 2024 के नजदीक आते ही बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इसी बीच, जन सुराज अभियान के प्रमुख प्रशांत किशोर की हालत को लेकर चिंताजनक खबरें सामने आ रही हैं। प्रशांत किशोर लंबे समय से जनहित के मुद्दों पर संघर्षरत हैं और लगातार पदयात्रा कर जनता की समस्याओं को उजागर कर रहे हैं। उनकी बिगड़ती सेहत ने उनके समर्थकों और प्रशंसकों को चिंतित कर दिया है।

प्रशांत किशोर की सेहत पर चिंता है

प्रशांत किशोर बिहार के अलग-अलग इलाकों में कई महीनों से पदयात्रा कर रहे हैं। इसी दौरान वह ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से मिलते हैं, उनकी समस्याओं को सुनते हैं और सरकार की नीतियों की समीक्षा करते हैं। लेकिन हाल ही में तबीयत बिगड़ने की खबर ने उनके समर्थकों को झकझोर दिया। लगातार काम और थकान के चलते उनकी सेहत पर असर पड़ा है। डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है, लेकिन प्रशांत किशोर अपने मिशन को रोकने के लिए तैयार नहीं हैं।

BPSC उम्मीदवारों की मांगों पर कार्रवाई

इस बीच, बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के उम्मीदवारों की मांगों को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं। उम्मीदवार लंबे समय से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता, समय पर परिणाम और भ्रष्टाचार मुक्त चयन प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर हाल ही में मनोज भारती ने मुख्य सचिव से मुलाकात की।

मनोज भारती का बयान

मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद मनोज भारती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि BPSC अभ्यर्थियों की मांगें जायज हैं और सरकार को उनकी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही इन मुद्दों पर कार्रवाई नहीं की, तो बड़े पैमाने पर आंदोलन हो सकता है।

सरकार पर दबाव बढ़ा

प्रशांत किशोर और मनोज भारती जैसे नेताओं के सक्रिय होने से सरकार पर दबाव बढ़ गया है। BPSC अभ्यर्थियों के साथ-साथ आम जनता भी अब अपनी समस्याओं के समाधान की उम्मीद कर रही है। प्रशांत किशोर की तबीयत को लेकर चिंताएं भले ही बढ़ रही हों, लेकिन उनके प्रयास और संघर्ष का असर अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है।
प्रशांत किशोर और BPSC अभ्यर्थियों की मांगें बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में एक नई दिशा दिखा रही हैं। उनकी सक्रियता ने यह साबित कर दिया है कि जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। अब देखना यह है कि सरकार इन मुद्दों को कैसे सुलझाती है और जनता के विश्वास को कायम रख पाती है।

प्रशांत किशोर का जन सुराज अभियान: जनता से जुड़े मुद्दों पर फोकस

प्रशांत किशोर ने अपने जन सुराज अभियान के तहत बिहार के लगभग हर जिले का दौरा किया है। उनकी पदयात्रा का उद्देश्य जनता की समस्याओं को समझना और उनके समाधान के लिए एक नई राजनीति का निर्माण करना है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर वे लगातार सरकार को घेरते आ रहे हैं।

हाल ही में, उनके समर्थकों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि प्रशांत किशोर ने अपनी खराब सेहत के बावजूद पदयात्रा को जारी रखा है। उनका कहना है कि यह लड़ाई व्यक्तिगत नहीं, बल्कि जनहित के लिए है। प्रशांत किशोर का यह समर्पण उनके समर्थकों और आम जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा रहा है।

BPSC अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन में तेजी

BPSC अभ्यर्थी लंबे समय से विभिन्न अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर आंदोलनरत हैं। हाल ही में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में अभ्यर्थियों ने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की। उनकी प्रमुख मांगों में परीक्षा कैलेंडर का पालन, समय पर परिणाम, और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करना शामिल है।

मनोज भारती ने मुख्य सचिव से मिलकर अभ्यर्थियों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “यह केवल अभ्यर्थियों की समस्या नहीं, बल्कि बिहार के प्रशासनिक ढांचे की विश्वसनीयता का सवाल है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।”

विपक्ष ने सरकार को घेरा

प्रशांत किशोर की बिगड़ती हालत और BPSC अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर विपक्ष ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है। राजद और भाजपा के नेताओं ने सरकार पर युवाओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में रोजगार के अवसर पहले से ही कम हैं, और ऊपर से भर्ती प्रक्रिया में हो रही अनियमितताएं युवाओं का भविष्य खराब कर रही हैं।

जनता में बढ़ता असंतोष

सरकार की निष्क्रियता को लेकर जनता में असंतोष बढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर भी BPSC अभ्यर्थियों और प्रशांत किशोर को व्यापक समर्थन मिल रहा है। “बिहार बदल रहा है” और “भ्रष्टाचार बंद करो” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर की अगली रणनीति

हालांकि प्रशांत किशोर की तबीयत फिलहाल ठीक नहीं है, लेकिन उनके सहयोगियों ने बताया कि वे जल्दी ही बड़े स्तर पर एक सभा का आयोजन करेंगे। इस सभा का उद्देश्य युवाओं और आम जनता को जोड़ना और सरकार पर दबाव बनाना होगा।

निष्कर्ष

प्रशांत किशोर और BPSC अभ्यर्थियों की सक्रियता ने बिहार की राजनीति में एक नई जागरूकता पैदा की है। यह स्पष्ट है कि जनता अब अपनी समस्याओं पर आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेगी। आने वाले दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और प्रशासन इन दबावों का सामना कैसे करते हैं।

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