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गांधी परिवार की चुनावी विरासत: प्रियंका से पहले कौन-कौन उतरे हैं वोटों की जंग में?

गांधी परिवार भारत के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। इस परिवार के सदस्य हमेशा से चुनावी राजनीति में सक्रिय रहे हैं, और प्रियंका गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने के साथ ही, यह परिवार एक बार फिर चुनावी अखाड़े में दिखाई दे रहा है। प्रियंका गांधी से पहले भी नेहरू-गांधी परिवार के कई सदस्य राजनीति में आ चुके हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से:

नामसंबंधचुनावी भूमिकाचुनाव में उतरने का वर्ष
जवाहरलाल नेहरूपहले प्रधानमंत्रीभारत के पहले प्रधानमंत्री, 1947 से 1964 तक प्रधानमंत्री1937, 1947, 1951, 1957, 1962
इंदिरा गांधीनेहरू की बेटीप्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष1959, 1966, 1971, 1980
फिरोज गांधीइंदिरा के पतिलोकसभा सांसद1952, 1957
संजय गांधीइंदिरा गांधी के छोटे बेटेसांसद और युवा कांग्रेस के नेता1976
राजीव गांधीइंदिरा के बड़े बेटेप्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष1981, 1984, 1989
सोनिया गांधीराजीव गांधी की पत्नीकांग्रेस अध्यक्ष, लोकसभा सांसद1998, 1999, 2004, 2009, 2014
मेनका गांधीसंजय गांधी की पत्नीबीजेपी नेता और लोकसभा सांसद1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014, 2019
वरुण गांधीमेनका गांधी के बेटेबीजेपी नेता और सांसद2009, 2014, 2019
राहुल गांधीसोनिया गांधी के बेटेकांग्रेस नेता और सांसद2004, 2009, 2014, 2019, 2024

गांधी परिवार की राजनीति में एंट्री

  1. जवाहरलाल नेहरू: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नेता और देश के पहले प्रधानमंत्री, नेहरू गांधी परिवार की राजनीति में पहली पीढ़ी थे। वे 1937 में पहली बार चुनावी राजनीति में उतरे और 1947 में देश के पहले प्रधानमंत्री बने। उनके बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी ने राजनीति में कदम रखा।
  2. इंदिरा गांधी: इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं और 1966 से 1977 और 1980 से 1984 तक प्रधानमंत्री रहीं। उनके पति, फिरोज गांधी भी एक लोकसभा सांसद थे और उन्होंने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  3. फिरोज गांधी: फिरोज गांधी का नाम भी राजनीति में अहम है। वे लोकसभा के सदस्य रहे और संसद में भ्रष्टाचार के मुद्दों पर खुलकर बोले। उन्होंने 1952 और 1957 के चुनावों में भाग लिया।
  4. संजय गांधी: इंदिरा गांधी के छोटे बेटे, संजय गांधी ने भी राजनीति में कदम रखा। वे युवा कांग्रेस के नेता बने और 1976 में सांसद बने। उनकी आकस्मिक मृत्यु के बाद, उनकी पत्नी मेनका गांधी ने राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई।
  5. राजीव गांधी: संजय गांधी की मृत्यु के बाद, राजीव गांधी ने राजनीति में कदम रखा और वे 1984 में प्रधानमंत्री बने। उनके कार्यकाल में भारत ने तकनीकी क्षेत्र में प्रगति की, लेकिन 1991 में उनकी हत्या कर दी गई।
  6. सोनिया गांधी: राजीव गांधी की मृत्यु के बाद, सोनिया गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली। वे 1998 से पार्टी की अध्यक्ष रहीं और रायबरेली से कई बार सांसद चुनी गईं। उनका राजनीतिक सफर एक मजबूत नेता के रूप में जाना जाता है।
  7. मेनका गांधी: संजय गांधी की पत्नी, मेनका गांधी ने भी राजनीति में कदम रखा, लेकिन उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से अपनी पहचान बनाई। वे कई बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं और बीजेपी में एक वरिष्ठ नेता हैं।
  8. वरुण गांधी: मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी ने भी बीजेपी से चुनाव लड़ा और कई बार सांसद बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  9. राहुल गांधी: सोनिया गांधी के बेटे, राहुल गांधी ने 2004 में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की और तब से वे अमेठी और वायनाड से सांसद रहे हैं। वे कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई चुनाव लड़े।

प्रियंका गांधी की एंट्री

प्रियंका गांधी अब गांधी परिवार की 10वीं सदस्य बन गई हैं जिन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा है। वे कांग्रेस की महासचिव हैं और हाल ही में उन्होंने वायनाड से उपचुनाव में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। यह सीट राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। प्रियंका गांधी के चुनावी सफर से कांग्रेस को दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने की उम्मीद है।

गांधी परिवार

निष्कर्ष

गांधी परिवार की चुनावी हिस्ट्री बताती है कि यह परिवार भारतीय राजनीति में कितनी गहरी जड़ें जमा चुका है। प्रियंका गांधी से पहले भी इस परिवार के 9 सदस्य चुनावी राजनीति में रहे हैं और अब प्रियंका की एंट्री ने यह दिखाया है कि यह परिवार राजनीति में अपनी प्रासंगिकता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। चाहे वह नेहरू का स्वतंत्रता संग्राम हो या राजीव गांधी का तकनीकी विकास, गांधी परिवार ने हर दौर में भारतीय राजनीति को नई दिशा दी है।

यह ब्लॉग आपको गांधी परिवार के राजनीतिक इतिहास और उनकी चुनावी भूमिका के बारे में एक संक्षिप्त, लेकिन व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है। उम्मीद है, यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।

2 thoughts on “गांधी परिवार की चुनावी विरासत: प्रियंका से पहले कौन-कौन उतरे हैं वोटों की जंग में?”

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