Andre Russell-आईपीएल के सबसे खतरनाक फिनिशर

Andre Russell आंद्रे रसेल की उम्मीद, एक छक्के में झलकती उम्मीद और असमाप्त कहानी
आईपीएल में जब एक ही मैच में 450 से ज़्यादा रन बन जाएं और वो भी सिर्फ 40 ओवरों के अंदर, तो यह सोचना कि कितने छक्के लगे, थोड़ा बेमानी लगता है। पिछले कुछ सीज़नों में इतनी ज़्यादा “छक्कों की बरसात” हो चुकी है कि अब बड़ा शॉट भी एक आम चीज़ लगने लगी है।
लेकिन फिर भी, जब Andre Russell ने आकाश दीप की गेंद को ईडन गार्डन्स की भीड़ के ऊपर से छक्के के लिए भेजा, तो पूरा स्टेडियम जैसे नींद से जाग उठा। कोलकाता की दोपहर की गर्मी में बिना छांव के बैठे दर्शकों ने अचानक अपनी आवाज़ें और उत्साह दोनों बढ़ा दिए।
उस वक्त केकेआर को 26 गेंदों में 56 रन चाहिए थे। हाल ही में दो विकेट गिर चुके थे, लेकिन क्रीज़ पर थे Andre Russell और रिंकू सिंह – दो ऐसे बल्लेबाज़ जो किसी भी लक्ष्य को मुमकिन बना सकते हैं।
तो क्या वो शोर सिर्फ इसलिए था कि मैच में जान बाकी थी? या फिर इसलिए कि उम्मीद थी – वो Andre Russell, जिसने सालों तक डेथ ओवर्स में तूफान मचाया है, वो अब अपने रंग में लौट रहा है?
सच कहें तो जवाब अभी अधूरा है। क्योंकि जिस छक्के से उन्होंने शुरुआत की, वो IPL 2025 में उनका पहला छक्का था। और मज़े की बात – वो शॉट उनकी अब तक की सबसे बड़ी पारी भी थी इस सीज़न में।
हालांकि, यह उम्मीद ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई। अगली ही गेंद पर, शार्दुल ठाकुर की लो फुल टॉस पर वे चूक गए और कैच आउट हो गए। वही शार्दुल, जिसने पिछले दो सीज़न में ऐसी गेंदों से कई बल्लेबाज़ों को परेशान किया है।
Andre Russell के जल्दी आउट होते ही लखनऊ सुपर जायंट्स ने केकेआर की निचली बल्लेबाज़ी पर दबाव बना लिया और मैच लगभग अपने नाम कर लिया। रिंकू सिंह ने भले ही 15 गेंदों में 38 रन ठोके, लेकिन अंत में टीम सिर्फ चार रन से पीछे रह गई।
उम्मीदें, जूझ और बदलाव की कहानी
केकेआर ने इस सीज़न की शुरुआत थोड़ी धीमी की है। पांच में से सिर्फ दो जीत के साथ टीम थोड़ा संघर्ष कर रही है। लेकिन एक अच्छी बात है – उन्होंने घबराहट में बदलाव नहीं किए।
उदाहरण के तौर पर, सुनील नारायण को ओपनर बनाना – एक ऐसा निर्णय जो जोखिमभरा लग सकता था, लेकिन 13 गेंदों में 30 रन की ताबड़तोड़ पारी ने दिखा दिया कि टीम मैनेजमेंट सही सोच रहा है।
लेकिन कुछ खिलाड़ी, खासकर विदेशी नाम – जैसे Andre Russell, क्विंटन डी कॉक और स्पेंसर जॉनसन – अब तक रंग में नहीं आ पाए हैं।
रसेल की बात करें तो उनका रोल हमेशा खास रहा है – डेथ ओवर्स में तेज़ रन बनाना। 2019 में जब वे अपने बैटिंग करियर के शिखर पर थे, उन्होंने खुद को ऊपर बल्लेबाज़ी के लिए प्रमोट करने की बात की थी। लेकिन टीम ने उन्हें फिनिशर के तौर पर ही इस्तेमाल किया – और उन्होंने उस भूमिका को बखूबी निभाया।
अब जब रिंकू सिंह और रामनदीप सिंह जैसे फिनिशर भी टीम में हैं, फिर भी ऐसे मैचों में – जैसे लखनऊ के खिलाफ हुआ – रसेल से उम्मीद सबसे ज्यादा रहती है।
रसेल को लेकर टीम का विश्वास
केकेआर के कप्तान अजिंक्य रहाणे का मानना है कि रसेल पर भरोसा रखना चाहिए। मैच के बाद उन्होंने साफ कहा,
“हम रसेल की फॉर्म को लेकर चिंतित नहीं हैं। वह एक मैच विनर हैं। कभी-कभी चीज़ें क्लिक करती हैं, कभी नहीं। लेकिन उनकी क्वालिटी पर कोई शक नहीं है।”
टीम के मेंटर और रसेल के पुराने साथी ड्वेन ब्रावो ने भी यही कहा –
“रसेल ने इतने सालों तक टीम के लिए बेहतरीन परफॉर्म किया है, कुछ मैचों में फ्लॉप होने से हम उन्हें नहीं आंक सकते।”
निष्कर्ष
रसेल का रोल हाई-रिस्क और हाई-रिवॉर्ड वाला है। उनके जैसा खिलाड़ी हर मैच में नहीं चमक सकता, लेकिन जब चमकता है – तो वो पूरी तस्वीर बदल सकता है।
फैंस, टीम और खुद रसेल – तीनों को इस बात का इंतज़ार रहेगा कि वह फिर से उसी विनाशकारी अंदाज़ में लौटें, जिस वजह से वे आईपीएल के सबसे खतरनाक फिनिशर माने जाते हैं।
अब देखना ये है कि क्या अगला छक्का सिर्फ एक शॉट होगा – या फिर एक नए तूफान की दस्तक।