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Tell farmers about the damages caused by burning stubble: DM | किसानों को बताएं पराली जलाने से होने वाले नुकसान: डीएम – Buxar News

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कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण की ओर से सोमवार को स्थानीय नगर भवन में एक दिवसीय एक दिवसीय जिला स्तरीय रबी महाभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम अंशुल अग्रवाल, डीडीसी डॉ महेंद्र पाल, प्रशिक्षु आईएएस प्रतीक्षा सिंह, एडीएम अनुपम सिंह ने

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डीएम अंशुल अग्रवाल ने कहा कि 11 प्रतिशत पराली बक्सर जिले में जुलाई जा रही है। इसके लिए पराली प्रबंधन पर गंभीरता से नियंत्रण करने की आवश्यकता है। कृषि विभाग के प्रसार कर्मी पराली जलाने से होने वाले नुकसान को किसानों के बीच जानकारी साझा करें। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के अंतर्गत कृषि विभाग की सभी योजनाओं में पारदर्शी तरीके से अनुदान वितरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने में संलिप्त किसानों पर कार्रवाई कर कृषि विभाग द्वारा संचालित किसी भी योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। डीडीसी डॉ महेंद्र पाल ने कहा कि खेती में आधुनिक तकनीक को जोड़कर उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है। इस दिशा में सभी प्रसार कर्मी किसानों के बीच तकनीक को हस्तांतरण करें। एडीएम अनुपम सिंह ने कहा कि हमारा देश किसानों का देश है।

किसान कृषि को जीविकोपार्जन का साधन बनाकर उत्पादकता को बढ़ाए तो किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सकता है। प्रशिक्षु आईएएस प्रतीक्षा सिंह ने कहा कि इस जिले की जलवायु रबी फसल के लिए अनुकूल है। अनुमंडल, प्रखंड व पंचायत स्तर के सभी कर्मी किसानों के बीच आधुनिक फसल तकनीक को हस्तांतरित करें ताकि उत्पादकता में वृद्धि हो सके। कार्यक्रम में आत्मा की ओर से प्रकाशित रबी फसल की उत्पादन तकनीकी पुस्तिका का विमोचन किया गया।

मुख्यालय से नामित नोडल पदाधिकारी उप निदेशक, बीज मनोज कुमार ने बीज वितरण पर जानकारी दी। जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर ने बताया कि इस वर्ष रबी फसल के लिए एक लाख पंद्रह हजार हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है। इस निमित सभी प्रसार कर्मी बीज वितरण के पश्चात किसानों को तकनीकी जानकारी प्रदान करते हुए लक्ष्य को हासिल कर अधिक से अधिक उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाएं। उन्होंने सभी प्रसार कर्मी को हिदायत दी कि फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान दें। किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने पर संबंधित कर्मी पर कार्रवाई की जाएगी। वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान कृषि विज्ञान केंद्र डॉ देवकरण ने रबी मौसम में उगाई जाने वाली फसलों पर जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि फसल के उत्पादकता हासिल करने के लिए तकनीकी हस्तांतरण मुख्य कारक है। मंच संचालन अमान अहमद ने की। कार्यक्रम में प्लांट ब्रीडिंग विशेषज्ञ हरगोविंद जायसवाल, सहायक निदेशक प्रक्षेत्र शेखर किशोर, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण आशीष कुमार, सहायक, निदेशक पौधा संरक्षण बेबी कुमारी ने तकनीकी जानकारी प्रदान दी।

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