विराट कोहली(virat kohli) ने एक बार फिर से क्रिकेट के इतिहास में अपनी जगह मज़बूत कर ली है। भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन कोहली ने 9,000 रन का आँकड़ा पार कर लिया, जिससे वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी बन गए। इस खास मौके पर कोहली ने 197वीं पारी में यह कारनामा किया, हालांकि वह इस उपलब्धि तक पहुँचने वाले सबसे धीमे भारतीय बल्लेबाज हैं।
विराट कोहली(Virat Kohli) की जर्नी और रिकॉर्ड्स
कोहली से पहले इस लिस्ट में सचिन तेंदुलकर (15,921 रन), राहुल द्रविड़ (13,265 रन), और सुनील गावस्कर (10,122 रन) शामिल हैं। कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में 48 के औसत से बल्लेबाजी की है और उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 254 रन है। उनके नाम 29 टेस्ट शतक भी दर्ज हैं, जो उन्हें आधुनिक क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक बनाता है। इस उपलब्धि को हासिल करने के दौरान, कोहली ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ दूसरी पारी में अर्धशतक भी लगाया, जो उनके फॉर्म में वापसी का संकेत है।
मैच की स्थिति और विराट कोहली का प्रदर्शन
इस मैच की बात करें तो कोहली ने न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ विलियम ओ’रूर्के की गेंद पर एक ट्रेडमार्क शॉट खेलकर यह मील का पत्थर छुआ। पहली पारी में भारत केवल 46 रनों पर सिमट गया था, और न्यूज़ीलैंड ने 356 रनों की बढ़त बना ली थी। लेकिन दूसरी पारी में कोहली और सरफराज खान ने कमाल की साझेदारी की, जिससे टीम ने वापसी का प्रयास किया। कोहली ने 70 रन बनाए और सरफराज के साथ मिलकर 136 रन की साझेदारी निभाई, जिसने भारतीय पारी को स्थिरता दी।
विराट कोहली(Virat kohli) की धीमी गति
हालांकि, यह ध्यान देने वाली बात है कि कोहली को 9,000 रन तक पहुँचने में 197 पारियां लगीं, जो भारतीय खिलाड़ियों में सबसे धीमी है। उनकी तुलना में राहुल द्रविड़ ने 176, सचिन तेंदुलकर ने 179, और सुनील गावस्कर ने 192 पारियों में यह मील का पत्थर हासिल किया था। फिर भी, कोहली ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 27,000 रन भी पूरे किए थे, जिससे वह क्रिकेट की दुनिया में अब तक के सबसे तेज़ बल्लेबाज बने।
विराट कोहली(Virat kohli) का समर्पण और महत्व
विराट कोहली का यह सफर केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है। वह अपनी आक्रामकता और समर्पण से एक नई परिभाषा गढ़ रहे हैं। उनका अनुशासन और मैदान पर दिया गया योगदान भारतीय क्रिकेट के लिए अमूल्य है। इस सफलता के साथ, कोहली ने अपनी विरासत को और मजबूत किया है और वह युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं।
यह उपलब्धि खास इसलिए भी है क्योंकि कोहली पिछले कुछ समय से फॉर्म में नहीं थे, लेकिन उनकी यह वापसी उनके करियर के नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि वह इस फॉर्म को कब तक बरकरार रखते हैं और आने वाले मैचों में क्या नया रिकॉर्ड अपने नाम करते हैं।
इस उपलब्धि के साथ विराट कोहली ने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में फिर से अपना स्थान पक्का कर लिया है और एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह ‘किंग कोहली’ क्यों कहलाते हैं।